यह शहर, जिसे मै अपना शहर कहता हूँ
क्या सचमुच यह मेरा शहर है ?
इसे मै अपना शहर क्यों कहता हूँ ?
क्योंकि यहाँ मेरे अपने रहते हैं ? या
क्योंकि इस शहर की सड़कें, इमारतें, नदी-नाले, हाट-बाजार
सब से मेरी जान - पहचान है ?
क्या इसीलिए यह शहर मेरा है ?
यह शहर मेरा है या मै इस शहर का हूँ ?
यदि मै इसी शहर का हूँ , तो
क्या यह शहर मुझे अपना चुका है ?
क्या इस शहर की हवा में मेरी गंध भी घुली है ?
क्या इस गंध को मुझसे अलग भी कोई पहचानता है ?
यह शहर जहाँ दुसरे शहरों के लोग भी
आते हैं - रहते हैं
क्या अपने लोगों की गंध को उनसे बचाकर -सँजोकर रखता है यह शहर ?
मै अपनी गंध अपने शहर में ढूंढ़ने निकला हूँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें