गुरुवार, 2 जून 2011

नहीं रहना चाहतीं वे!

कट्टरपंथियों के कान दोनों
हाथों से पकड़कर घुमाते हुए
पृथ्वी को पैर के अँगूठे पर
नचाते हुए
लड़कियां, समय से कहीं आगे
भविष्य में, तेज गति से 
निकल जाना चाहती हैं।
प्रताड़नाओं, विषमताओं से भरी
इस अमानवीय दुनिया में
नहीं रहना चाहतीं वे।

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