शनिवार, 11 अप्रैल 2009

मेट्रो उवाच ओनली वाच

दोस्त पहचाना मुझे ? पूछते ही
सिकुड़ गई आँखें सड़कों की
और हंसने लगे सभी
निकलकर पोस्टरों से
रोड लाइट , इमारतों ने बिचकाए होंठ
चौराहे पर खड़े महाराणा प्रताप ने भी ऐंठी मूछें
गले में ' प्रवेश वर्जित ' की
तख्ती लटकाए गलिओं के साथ
सबने मिलकर किया ऐलान
कोई ऐसे सवाल हमसे न पूछे

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